THIS IS THE HISTORICAL PLACE OF MITHILA,
UGNA MAHADEV TEMPLE IS SITUATED IN BHAWANIPUR VILLAGE AT MADHUBANI DISTRICT IN BIHAR STATE OF INDIA, THIS IS 14 KM FROM MADHUBANI TOWN AND APROX 195 KM FORM PATNA THE CAPITAL OF BIHAR,
THIS IS THE PLACE WHERE LORD SHIVA CAME WITH " KAVI VIDYAPATI " AS HIS SERVENT "UGNA" AND GIVE GANGAJAL TO HIM, PERIOD WAS 1352-1448
THIS IS TRUE STORY - KAVI VIDYAPATI WAS BORN IN BISPHI VILLAGE OF MADHUBANI DISTRICT HE WAS THE GREET POET OF MAITHILI LANGUAGE
इ कहानी 1352-1448 बिचक अछि जाही में महा कवी विद्यापति के जन्म बिस्फी गाम में भेलानी और ओ मैथिलीक बहुत पैघ कवी भेला जिनका कबी कोकिल के उपाधि देल गेलनी और ओ महादेव के बहुत पैघ भक्त सेहो छला
कवी विद्यापतिक रचना एतेक प्रभाबी होईत छलनी जे जखन ओ आपण रचना के गबैत छला त कैलाश पर बईसल भगबान महादेव प्रशन्न भ जाईत छला और हरदम हुनक रचना सुनबाक इच्छा राखैत छला, ई इच्छा एतेक बड़ी गेलनि जे ओ एक दिन माता पार्वती के कहलखिन " हे देवी सुनु, हम मृत्युलोक जा रहल छी कवी विद्यापतिक रचना हमरा बहुत नीक लागैत अछि और हमर मोन भ रहल अछि जे हम हुनका संगे रही क' हुनक रचना सुनी, त अहां अही ठाम कैलाश में रहू और हम जा रहल छी मृत्युलो" और रचना सुनबाक लेल धरती पर आबी गेला, और विद्यापति के ओतै नौकर बनी क उगना के नाम स काज कर लागला ओ विद्यापतिक चाकरी में लागी गेला ओ हुनकर सब काज करथिन हुनका पूजक लेल फूल और बेलपत्र तोरी क आनैथ बरद के चरबैथ सब चाकरी करैत और राइत में सुत्बा काल में हुनकर पैर सेहो दबबैथ (धन्य ओ विद्यापति जिनक पैर देवक देव महादेव दबबैथ) अहि प्रकारे जखन बहुत दीन बीत गेल, ओम्हर माता पार्बती बहुत चिंतित भ गेली हुनका लगलैन जे आब महादेब मृत्यु लोक स वापस नै एता, और ओ हुनका बापस अनबाक प्रयास में लैग गेली, ओ क्रोध के आदेश देलखिन जे आहा जाऊ और विद्यापतिक पत्नी सुधीरा में प्रवेश क जाऊ जाही स उगना द्वारा कोनो गलत काज भेला पर सुधीरा हुनका मारी क भगा देती, लेकिन माता पार्वती के इ प्रयाश सफल नै भेलैन तखन ओ दोसर प्रयाश केलि ओ प्याश के कबी विद्यापतिक ऊपर तखन सवार क देलखिन जखन ओ एकटा जंगल के रास्ता स उगना संगे राजा शिव शिंह के ओतै जारहल छला ओ घोर जंगल छलाई ओत दूर दूर तक ज'लक कोनो आस नै छलाई और ओही बिच में कवी विद्यापति प्याश स तरपअ लागला "रे उगना जल्दी सँ पाइन ला रउ नै ता हम मइर जेबउ बर जोर स प्यास लागी गेलौ" कहैत जमीन पर ओन्घ्रे लगला, आब उगना की करता ओ परेशान भ गेला एम्हर उम्हर पाइन के तलाश में भट्क' लगला हुनका पाइन नै भेटलैन, तखन ओ एकटा गाछक पाछू में नुका गेला और अपण असली रूप धारण क' अपन जटा सँ गंगाजल निकालला' और फेर उगनाक रूप धारण क विद्यापति के ज'ल देलखिन, विद्यापति जल पिबैते देरी चौक गेला ओ उगना स पूछ' लागला " रे उगना इ त गंगाजल छऊ, बता एता गंगाजल कत स अन्लाए" आब उगना की करता ओ कतबो बहाना बनेला लेकिन हुनकर एको नै चलल, ओ कि करता हुनका विबश भ अपन रूप देखाब' परलानी और ओ अपन असली रूपक दर्शन कवी विद्यापति के देलखिन, विद्यापति महादेवक अशली रूपक दर्शन करिते देरी चकित रही गेला और हुनक चरण पर खसी क हुनका स छमाँ माँग' लागला "प्रभु हमरा छमाँ करू हम अहां के चिन्ह नै सकलौं हमरा स पहुत पैघ अपराध भ गेल" तखन हुनका उठाबैत महादेव कहलखिन "हम आहा संगे एखन और रहब, लेकिन हमर एकता शर्त अछि जे आहा इ बात केकरो स नै कहबनी और जखने आहा इ बात केकरो लंग बाजब ओही छन हम अहाँ लंग स चली जायब" विद्यापति शर्त के मंजूर करैत और दुनु गोटे राजदरबार के तरफ चली गेला, माता पार्बती के इहो प्रयाश सफल नै भेलैन. तखन एक दिन उगन के बेलपत्र लावय में कनिक देरी भ गेलनि ताहि पर सुधीरा एतेक क्रोधित भ गेली कि ओ चुल्हा में जरैत एकटा लकड़ी निकली क हुनका मारबाक लेल उठेल्खिन "सर'धुआ आय तोरा नै छोर्बाऊ तू बड शैतान भ गेला हन हमर बच्चा सब भूख स बिलाय्प रहल अछि और तू एतेक देर स बेलपत्र ल' क' एलै हन" कहैत हुनका दिश बढ़लखिन, तखन विद्यापति स देखल नै गेलन्हि और ओ बजला "हे हे इ की करैत छि इ त साक्छात महादेव छैथ" और एतबे कहिते महादेव गायब भ गेलखिन, फेर विद्यापति हुनका जंगले जंगले तक' लगला और "उगना रे मोर कतै गेला" गबैत रहला लेकिन उगना फेर हुनका नै भेटलखिन, और ओ अपन प्राण तियैग देलखिन I
ओ स्थान जाहि ठाम देवक देव महादेव कवी-कोकिल विद्यापति के अपन अशली रूपक दर्शन देने छलखिन ओही ठाम "बाबा उगना" के मंदिर छैन और ओहिमे शिवलिंग जे छाई से अंकुरित छाई, जेकर कहानी किछु एहन, छाई जे एक बेर गामक एक बुजुर्ग ब्यक्ति के महादेव सपना देलखिन की "हम एकता गाछक जैर में छी" और ओतै बहुत पैघ जंगल छलई तखन गामक लोक सब तैयार भ क ओय ठाम गेला और पहुँच क जखन खुदाई केला त देखलखिन की एकटा बहुत सुन्दर शिवलिंग छाई, सब गेटे बहुत खुश भेला और विचार भेलय की हिनका बस्ती पर ल चलू ओय ठाम मंदिर बना क हिनक स्थापना करब और हुनका उठेबाक लेल जखने हाथ लगेलखिन की ओ फेर स जमीन के भीतर चली गेला, फेर स कोरल गेल और हुनका निकलवाक प्रयाश कैल गेलई, इ प्रयाश दू तीन बेर कैल गेल मुदा सब बेर ओ जमीन के भीतर चली जायत छला, तखन सब गोटे के बुझबा में एलईन जे इ अहि ठाम रहता और अय ठाम स नै जेता, तखन ओही ठाम साफ सफाए कैल गेल और तत्काल मंडप बनैल गेल और बाद में मंदिरक निर्माण सुरु भेल जे १९३२ में जा क तैयार भेल और अहि मंदिरक परिसर में ओ अस्थान सेहो अछि जाहि ठाम महादेव अपना जटा स गंगाजल निकलने छला और आय ओ इनारक रूप में अछि जेकरा "च्न्द्रकुप" के नाम स जानल जैत छाई और एखनो ओकर जल शुद्ध गंगाजल छाई, जे लैब टेस्टेड छाई !
दरभंगा के एकटा बहुत प्रशिद्ध डॉक्टर अपना मेडिकल लैब में एकर टेस्ट केने छलखिन और ओ अय बात के सुचना ग्रामीण सब के देलखिन जे अय में पूरा गंगाजल के तत्व बिद्यमान अछि, और इ दोसर रुपे सेहो टेस्टेड छाई, अय जल के यदि अहां बोतल में राखि देबय ता इ ख़राब नै होइत छाई
इ स्थान मधुबनी जिलाक भवानी पुर गाम में स्थित अछि
एत' सब गेटे एकबेर जरुर आबी, एही स्थानक कुनु तरहक जानकारिक लेल अहां हमरा स संपर्क क सकैत छि
"जय बाबा उग्रनाथ"
एत' सब गेटे एकबेर जरुर आबी, एही स्थानक कुनु तरहक जानकारिक लेल अहां हमरा स संपर्क क सकैत छि
"जय बाबा उग्रनाथ"
बसंत झा
9310350503
Mon Prasan bhel jain kay ki ahan etek pryas kay rahal chhi Mithila ke vikas ke lel... dhany chhi ahan aur ahnak prayas.
ReplyDeleteHum ahan ke abhari reheb if you can post the story in english or hindi..I am ashamed but I am not good at maithili..please let everyone know about this beautiful story!
ReplyDeleteHamar nani gaam jamsam bhel bahut barhiya lagal ahan ke prayas dekhi ka,
ReplyDeleteugna mahadev is prestige of mithilanchal
ReplyDeletemithila jatey badhat hum sab otey khus hoyab
ReplyDeleteBahut bahut dhanywad basant ji...
ReplyDeleteAah Basant jee ki kahoo eta sa ugna mahadev baba ke darshan kara delo aahan ke koti koti dhanyabad
ReplyDeleteehan baat kahi ka hamra sharmind nai karu prakash jee baba ta sab tham chhathin, jahi tham dekhabain ohi tham bhetata
ReplyDeleteahan sab gote e site ke parmot kari kiyek ta hamar ekta chhot sanak sarwe me mutavik ekhano bahut maithil ke baba ugna ke bare me jankari nai chhain ta ham chahab je ekar jankari pahine ta sab maithili ke huen okrabad sampurn duniyan ke ekar jankari hebak chahi or ekar jimmebari hamr sabhak achhi
!! jai baba ugna !!
basant ji namaskar,
Deletehamar naam mukesh kumar jha aachi hamar ghar pandaul dihtole aai hum sub bachpan me rose bhabani pur ugranath mindir ja ka baba ke darshan karait chalew lekin aab delhi me rahe ka nahi bha pabait aai tahi isthiti me ahi site sa darshan karait chhi ahi ke lel aha ke dhanybad our ahi sa (ugana Mahadev) baba ke naam our drishya dur dur tak phailat aar ahi sa aapan mithila pariwar badhat aa jurat humra salah diya ki ahi me our baba ke tashvir kena joral jayat uttar ke intajat me
Mukesh Kumar Jha
S/o Shri Raghunath Jha
gram pandaul dihtola
mob.no.09871037248
sab mithilavasi ke e kartavya chhin je o ay pawan site ke parmot karaith jahi san e pawan kahanik jankari sumpurn duniyan ke hebak chahi
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ReplyDeleteHum ahan ke abhari reheb!!!!!
ReplyDeletehamr man gadgad bhah gel maha kavi vidyapati or ugna mahadev ke kahani padh ke. Ham Bhwavipur wasi ke bhut - bhut bdhae det achi.
Bahut maan khuss bhe gel lahani sunke ham sab maithili parivar se chi lekin aaj tak ee kahani sune ke nayi bhetal chala aaj mahadeb aur vidyapati ke kahani sunkar appan mithlanchal par gurv bhe rehal aich ki hamar purbaj sab ketek udar chalkhin. aur ahan ke koti koti dhanybad ki ahan blog benailiyi aur hamra sab ke nik jankari bhetal appan mithlanchal ke bare me ... jai maithili jai mithlanchal
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ReplyDeleteSHIVRATRI MAHOTSAV 02.03.11 KA ACHI, AHA SAB KE BHAWANIPUR GRAMBASI KE TARAF S AMANTRAN ACHI.
ReplyDeletebahut neek prayas aachi . sadhuwad
ReplyDeleteBasant babu atek sundar jaankari ke lel apnek bahut dhyanabad.
ReplyDeleteApnek,
Vibhay Kumar Jha
anil kumar chaupal august 23,2012 3:35pm
ReplyDeletebasant babu atek jankari ke lel bahut bahut danbad.hamar nam bhel anil kumar chaupal.pitak nam bhel bindeshwar chaupal. village ka nam bhel Galma. thana ghanshayampur aaa,Darbhanga(bihar)Pin code 847427
Apnek
ANIL KUMAR CHAUPAL
REPLAY
Bouaa Basant ahina Baba k naam samast jag me pracharit kareit rahu Baba Kalyan kartah......
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ugna bhakt shri vidyapati ke sat sat naman.
ReplyDeleteHAR HAR MAHADEO.
ReplyDeleteMero to MAHADEO dusro na koi
ReplyDeleteBasant jee vidayapati jee aur aguna mahadev kai baray mai jankari dabai kai lail bahut bahut dhanybad
ReplyDeleteJai ho जय हो
DeleteJai ho जय हो
DeleteJay Maa Bhawani
ReplyDeletejai ugna mahadev har har mahadev
ReplyDeleteHar Har UGRANATH Mahadev.
ReplyDeleteSri Basantji, Apnek Satprayash pujaniy achhi. Sat- Sat Naman.
Ekta nivedan- Bisay par apnek lekhit rachanaa ago ja ka Sahityak roop la letai.
Kripa kay aur sangrah kay Rachana ke sudharbak aa prasang ke prayash karabak anugrah kari.
Anekanek Dhanyabad.
kiranjee apnek baahut bahut dhanyabad, apnek bhumuly sujhavk pr ham kry k rahl chhi
DeleteHar Har UGRANATH Mahadev.
ReplyDeleteSri Basantji, Apnek Satprayash pujaniy achhi. Sat- Sat Naman.
Ekta nivedan- Bisay par apnek lekhit rachanaa ago ja ka Sahityak roop la letai.
Kripa kay aur sangrah kay Rachana ke sudharbak aa prasang ke prayash karabak anugrah kari.
Anekanek Dhanyabad.
Accha Ha
ReplyDeleteMithali padhkar Accha laga😁😀
Accha Ha
ReplyDeleteMithali padhkar Accha laga😁😀
dhnyabad
DeleteContact for Website Development & Digital Marketing Services
ReplyDeleteSastaplaza Web Solutions